इंस्पिरेशन / ओयो फाउंडर रितेश अग्रवाल ने पीटर थिएल से सीखे कई सबक

एजुकेशन डेस्क. ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल सिर्फ 19 वर्ष के थे, जब 2013 में उन्हें पे-पल के को-फाउंडर, पीटर थिएल की ओर से युवाओं के लिए शुरू की गई थिएल फैलोशिप (तब 20अंडर20) के लिए चुना गया था।  इस फैलोशिप की सलेक्शन रेट एक प्रतिशत से भी कम है और हर वर्ष सिर्फ बीस से तीस युवा ही इसे पाने में सफल हो पाते हैं। रितेश ने बताया कि पीटर थिएल से मिली मेंटरशिप वह चीज थी, जिसने उनकी विजन को ओयो को ग्लोबल ब्रांड बनाने में मदद की। जानिए पीटर थिएल की तीन हिस्सों में बंटी इस गाइडेंस के साथ रितेश की अपनी वह सलाह जो वे आपको दे रहे हैं ।


यूनीक बनने के लिए प्रयास करें
रितेश को तब आश्चर्य हुआ जब उन्हें अपने इंस्टिंक्ट्स पर भरोसा करने और दुनिया के किसी अन्य हिस्से में सफल हुए बिजनेस को भारत में कॉपी करने की बजाए एक ऐसा बिजनेस क्रिएट करने की सलाह दी गई, जो खासतौर पर भारतीय बाजार के लिए बना हो। इस बारे में वे कहते हैं, "इससे मैंने किसी यूएस या चाइनीज कंपनी का भारतीय वर्जन बनाने की कोशिश करने की जगह एक यूनीक आइडिया की पावर पर ट्रस्ट करना सीखा।"


थिंक बिग


रितेश को अपने लक्ष्य बड़े कर अपनी नजरें भारत व अन्य देशों की विशाल टूरिज्म इंडस्ट्री पर जमाने की सलाह दी गई। रितेश के अनुसार, बिग-स्केल थिंकिंग सिलिकॉन वैली आंत्रप्रेन्योर्स के लिए एक आम बात है और इसके साथ ही यह उनकी सफलता का एक महत्वपूर्ण फैक्टर भी है। इस बारे में जानकारी देते हुए वे कहते हैं, "थिएल फैलोशिप जाकर ही मैंने बड़ा सोचना और एक टिकने व ग्रो करने वाला बिजनेस आइडिया क्रिएट करना सीखा।"


कल्चर में करें इंवेस्ट


आखिरी सलाह के तौर पर रितेश को शुरू से ही एक स्ट्रॉन्ग वर्कप्लेस कल्चर बिल्ड करने को कहा गया। "उन्होंने मुझे समान वैल्यूज शेयर करने वाले सही लोगों के साथ पार्टनरशिप करना सिखाया। साथ ही यह भी कि आपको कभी भी अपने कल्चर से समझौता नहीं करना चाहिए, चाहे आपकी कंपनी विशालकाय ही क्यों न हो जाए।"


रितेश की सलाह आपके लिए


"समान परिस्थितियों में मेरी सलाह यह है कि आप अपनी इंस्टिंक्ट्स पर भरोसा करें, लर्निंग व ग्रोइंग के प्रति ओपन रहें और सबसे जरूरी, खुद को ऐसे लोगों से घिरा हुआ रखें जो, आइडियाज या इनसाइट्स देकर अपना योगदान देते हों।" उनके अनुसार, यह सलाह खासतौर पर उन भारतीयों के लिए है जो इस समय आंत्रप्रेन्योर्स बनने के लिए लालायित हैं और इस तरह के प्रोग्राम्स का प्रोफेशनल स्तर पर फायदा उठा रहे हैं।