एम्प्लॉयमेंट 2020 / नए साल में मिल सकती हैं 5 लाख सरकारी नौकरियां

एजुकेशन डेस्क. हाल के समय में भारत में बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ रही है। एक सर्वे के मुताबिक, 46% शहरी भारतीयों में बेरोजगारी का मुद्दा बड़ी चिंता के तौर पर सामने आया। मार्केट रिसर्च कंपनी इप्सोस की हालिया रिपोर्ट ‘वॉट वरीज द वर्ल्ड’ के मुताबिक, अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 3% शहरी भारतीयों की चिंताएं बेरोजगारी को लेकर बढ़ गई। हालांकि सरकार रोजगार बढ़ाने को लेकर गंभीर है। ऐसे में साल 2020 और आने वाले वर्षों में रोजगार के और अवसर बढ़ें, इसके लिए सरकार भी प्रयास कर रही है। जानिए, सरकार का दावा किन सेक्टर्स में नौकरियों के अवसर सृजित करने का है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सरकार वर्ष 2020 में अभी तक खाली पड़े 5 लाख से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करेगी। खासतौर से आर्थिक सुस्ती 2020 में कम हो जाने के कारण उत्पादन, वितरण और सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 


आर्थिक मामलों के कौशल विशेषज्ञ डॉ. जयंतीलाल भंडारी के मुताबिक, प्रशिक्षण से बदलेगा रोजगार का परिदृश्य भारत में रोजगार की संभावना वर्ष 2020 से बढ़ेगी, लेकिन इसके लिए सरकार को कौशल प्रशिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देना होगी, क्योंकि केवल डिग्री से रोजगार नहीं मिलेगा। 2020 में में आईटीआई स्टूडेंट्स और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं की मांग भी बढ़ेगी।


4 करोड़ नौकरियां पैदा होने की संभावना




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    सर्वे कंपनी के अनुसार सरकार को रोजगार पैदा करने पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है। क्योंकि नौकरियों की कमी शहरी भारतीयों को परेशान करती है। ज्यादातर युवा नौकरी से जुड़ते हैं। इसके अलावा, अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है। बेरोजगारी को लेकर चिंताएं बढ़ने के बावजूद सर्वे में शहरी भारतीयों (69%) ने कहा कि भारत जिस दिशा में बढ़ रहा है, उसे लेकर वे आशावादी हैं। केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा कह चुके हैं कि भारत में हेल्थकेयर क्षेत्र में अगले साल तक 4 करोड़ नौकरियां पैदा होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग 2022 तक 3 गुना बढ़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरणों का बाजार 2025 तक 50 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल भारत दुनिया के शीर्ष 20 चिकित्सा उपकरणों के बाजार में शामिल है।जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरणों का बाजार है। साफ है कारोबार और बाजार बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेंगे।


     




  2. 4 लाख युवाओं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नए अवसर


     


    निश्चित रूप से वर्ष 2019 में आर्थिक सुस्ती और महज 5 फीसदी विकास दर रहने के कारण रोजगार अवसरों में बढ़ोतरी नहीं हो पाई लेकिन 2020 की शुरुआत में ही रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सरकार के मुताबिक वर्ष 2020 में अभी तक खाली पड़े 5 लाख से अधिक पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। खासतौर से आर्थिक सुस्ती 2020 में कम हो जाने के कारण उत्पादन, वितरण और सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जापान के प्रसिद्ध निप्पो फाउंडेशन के अनुसार भारत के 78 फीसदी युवाओं का विश्वास है कि 2020 में उनका कॅरिअर के लिहाज से भविष्य अच्छा होगा। साथ ही 2020 की शुरुआत से केंद्र सरकार का नया फ्यूचर स्किल्स प्राइम प्रोग्राम शुरू हो जाएगा। इसके तहत 4 लाख युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ब्लॉक चेन जैसे भविष्य के नए कॅरिअर क्षेत्रों में ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी। इन पर 436 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। साथ ही दुनिया की रोजगार एजेंसियां भी कह रही हैं कि 2020 से भारत के स्किल्ड युवा जापान, फ्रांस और चीन सहित दुनिया के कई विकसित और विकासशील देशों में रोजगार के अवसरों को मुट्ठी में लेते हुए दिखाई देंगे। इसके लिए 2020 में भारतीय युवाओं को कौशल प्रशिक्षित करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।


     




  3. किस योजना और किस सेक्टर में कितने रोजगार का दावा
     


     



    • आयुष्मान भारत योजना देगी 10 लाख रोजगार : स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से पांच साल में करीब 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मोदी सरकार अब सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात करेगी। इन आयुष्मान मित्रों को 15 हजार रुपए महीना का वेतन दिया जाएगा। योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे अन्य पदों पर भी नौकरियों के अवसर बनेंगे। 

    • एमएसएमई में 5 साल में मिल सकती हैं एक करोड़ जॉब: सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयातित कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिए उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 1 करोड़ अतिरिक्त अवसर मिल सकते हैं।

    • 8.21 करोड़ लोगों को पर्यटन क्षेत्र में मिला रोजगार : भारत विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला देश है। केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक भारत पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है। जिन लोगों को रोजगार मिला है, उनमें ज्यादातर गरीब हैं। अल्फोंस ने कहा कि भारत में करीब 8.21 करोड़ लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है। विदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरिका, यूरोप, चीन सहित देशों में कई अभियान चलाए हैं।

    • एग्रीटेक सेक्टर्स में 90 लाख जॉब्स का दावा: विशेषज्ञों के मुताबिक 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर 90 लाख लोगों को रोजगार देगा। देश में एग्रीटेक सेक्टर काफी तेजी से विकास कर रहा है। इस सेक्टर में 450 स्टार्टअप हैं। दुनिया का हर 9वां एग्रीटेक स्टार्टअप भारत से उभर रहा है। आईटी इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में एग्रीटेक स्टार्टअप की सालाना ग्रोथ रेट 25% है। नैसकॉम के मुताबिक 2024 तक एग्रीटेक सेक्टर में 90 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।


     




  4. कई एजेंसियों के सर्वे में रोजगार की बढ़ने की बात


     


    वैश्विक सर्वेक्षणों के अनुसार 2020 में देश की विकास दर बढ़कर 6 से 6.5 फीसदी हो जाएगी। जब विकास दर बढ़ेगी तो कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र और तीनों सेक्टर्स में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। विशेषज्ञों के अनुासर आईटी और टूरिज्म सेक्टर में भारत में रोजगार के अवसर दूसरे देशों की तुलना में तेजी से बढ़ेंगे। दुनिया की क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसल ने कहा है कि भारत में कृषि सहित 6 क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। ऑक्सफोर्डविवि के मुताबिक वर्ष 2020 से आगामी 10 वर्ष तक भारत के प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स की दुनियाभर में पूछ-परख बढ़ेगी।


     




  5. एक्सपर्ट एडवाइज


     


    डॉ. जयंतीलाल भंडारी (आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ कौशल) के मुताबिक, प्रशिक्षण से बदलेगा रोजगार का परिदृश्य भारत में रोजगार की संभावना वर्ष 2020 से बढ़ेगी, लेकिन इसके लिए सरकार को कौशल प्रशिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देना होगी, क्योंकि केवल डिग्री से रोजगार नहीं मिलेगा। 2020 में में आईटीआई स्टूडेंट्स और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं की मांग भी बढ़ेगी।