झारखंड विस चुनाव / न नामांकन में दिखे गठबंधन के नेता, न साझा सभा में; प्रत्याशी अपने दम पर ही कर रहे प्रचार

रांची (बिनाेद ओझा). भाजपा काे सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस, राजद अाैर झामुमाे ने भले ही गठबंधन बना लिया अाैर साथ लिए गए निर्णयाें के तहत चुनाव मैदान में जा रहे हैं लेकिन दलाें के नेता साझा प्रचार या चुनावी सभा में नहीं दिख रहे हैं। यही नहीं प्रत्याशियाें के नामांकन में भी सहयाेगी दलाें के बड़े नेता नहीं पहुंच पा रहे हैं। अपवाद छाेड़कर सहयाेगी दलाें के जिला स्तरीय नेता ही कहीं- कहीं नामांकन के दाैरान नजर अाते हैं। इसी तरह चुनावी जनसभाअाें में भी गठबंधन के सहयाेगी दलाें के बड़े नेताअाें की अनुपस्थिति है। एेसे में गठबंधन बनने के बावजूद इसमें शामिल दलाें के नेता अपने ही बलबूते चुनाव प्रबंधन से लेकर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। 


गठबंधन के तीनाें दलाें के बीच साझा चुनाव प्रचार या चुनावी सभा काे लेकर काेई खाका भी तैयार नहीं हुआ है। झामुमाे में गुरुजी और हेमंत साेरेन ही स्टार प्रचारक हैं। जबकि कांग्रेस मेंं प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े नेता हैं। राजद में खासताैर पर तेजस्वी ही स्टार प्रचारक हैं। राजद मात्र सात सीटाें पर ही चुनाव लड़ रहा है। वह भी अलग-अलग फेज में हैं। एेसे में तेजस्वी के पास सहयाेगी दलाें के उम्मीदवाराें के लिए प्रचार करने का समय ज्यादा है। इसके बावजूद उनकाे लेकर काेई याेजना सहयाेगी दलाें द्वारा अबतक नहीं बनाई गई है।


जिला के नेता की मौजूदगी में अध्यक्ष ने किया नामांकन


डाॅ. रामेश्वर उरांव लाेहरदगा से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। डा. उरांव स्वयं ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन उनके नामांकन में भी सहयाेगी दल झामुमाे या राजद का काेई बड़ा नेता शामिल नहीं हुअा। राजद अाैर झामुमाे के जिला स्तरीय कुछ नेता जरूर अाए लेकिन डाॅ. रामेश्वर उरांव का जाे कद है अाैर प्रदेश अध्यक्ष हाेने के नाते सहयाेगी दलाें के बड़े नेताअाें के शामिल हाेने की अपेक्षा थी, पर एेसा नहीं हाे सका।


राजद से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री भी मैदान में दिखे अकेले


सत्यानंद भाेक्ता वैसे ताे भाजपा के नेता रहे हैं और भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं लेकिन अब वे राजद में हैं। ऐसे में राजद में वे बड़े कद के नेता है। राजद के टिकट पर ही वे चतरा से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हाेंने नामांकन भी कर लिया है। लेकिन राजद के इस बड़े कद के नेता के नामांकन में भी जिला स्तरीय नेताओं काे अगर छाेड़ दिया जाए गठबंधन के सहयाेगी दल का काेई बड़ा नेता नजर नहीं आया। 


झामुमो में चंपई का कद बड़ा लेकिन सहयोगी दलों में छोटा


झामुमाे नेता चंपई साेरेन झामुमाे के अग्रिम पंक्ति के नेता हैं। वे झामुमाे की सरकार में मंत्री भी रहे हैं। पार्टी के भीतर भी उनका कद बड़ा है। उन्हाेंने विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। नामांकन के समय गठबंधन के सहयाेगी दलाें राजद या कांग्रेस का काेई बड़ा कद का नेता माैजूद नहीं था। इससे यह झलकता है कि सहयाेगी दलाें के बीच उनके नामांकन काे लेकर कितनी गंभीरता है।  


पहले चरण में समय कम था, अब तैयार हाे रहा है खाका


पहले चरण में सभी सहयाेगी दलाें के पास समय काफी कम था। इसमें उम्मीदवाराें के चयन से लेकर तमाम तरह की समस्याएं थीं। अत्यधिक व्यस्तता की वजह से साझा चुनाव प्रचार या साझा सभा का कार्यक्रम नहीं बन पाया था। समय की कमी की वजह से ही बड़े नेता एक दूसरे के नामांकन में भी नहीं जा पाए लेकिन अब साझा चुनाव प्रचार से लेकर साझा सभा के लिए बातचीत चल रही है। झामुमाे के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत साेरेन अाैर राजद नेता तेजस्वी यादव से भी बातचीत हुई है। जल्द ही हमलोग कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी जारी करेंगे। -राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस